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हिमाचल की संस्कृति , यहाँ के रहन - सहन , खान - पान , लोक - नृत्य तथा लोक - संगीत में अनेकों विविधताएँ हैं। यहाँ के लोक - संगीत और लोक - नृत्य का प्रत्यक्ष सम्बन्ध यहाँ मनाए जाने वाले त्योहारों , समारोहों से है। हिमाचली विवाह - समारोह के दौरान   लोक - संगीत की अत्यधिक प्रासंगिकता होती है क्यूंकि यह लोक - गीत विवाह - समारोह में होने वाली विभिन्न रस्मों के दौरान दोनों ही पक्षों वर और वधू के यहाँ गाए जाते हैं। इन लोक - गीतों में पहाड़ी समाज की सामाजिक - स्थित्ति और संपन्न - संस्कृति की झलक मिलती है। प्रस्तुत प्रोजेक्ट - रिपोर्ट में जिन लोक गीतों का वर्णन किया गया है वे विशेषत : हमीरपुर जिले से सम्बन्धित हैं।  हमरीपुर के पहाड़ी लोक-गीतों की विशेषता यह है कि प्रत्येक मुखड़े के अंत में “ओ-आए” की ध्वनि निकाली जाती है और साथ ही इन लोक-गीतों को केवल महिलाओं द्वारा ही समूह में गाया जाता है। पहाड़ी लोक - गीतों की भाषा में अत्यधिक विविधता है। मूल रूप से यह लोक - गीत पहाड़ी - बोली में हैं